
उत्तराखंड के चमोली में हिमखंड टूटने के बाद ऋषिगंगा और फिर धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूट गया।
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, इससे से गंगा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। इसके साथ ही वहां काम कर रहे कई मजदूरों के बहने की आशंका है।
राज्य में चमोली से लेकर हरिद्वार तक अलर्ट जारी कर दिया गया है। इस हादसे में करीब 150 लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार इस घटनाक्रम पर निगरानी रखे हुए हैं। वे मौके के लिए रवाना हो गए हैं।
ऋषिकेश कोडियाला इको टूरिज्म जोन में जल पुलिस और एसडीआरएफ को अलर्ट कर दिया गया है।
जल पुलिस के साथ आपदा प्रबंधन दल राफ्टिंग स्थलों पर पहुंच गया है। यहां राफ्टिंग बंद करा दी गई है। इसके साथ ही घाटों के किनारे रह रहे बेसहारा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। टिहरी में भी प्रशासन ने कीर्तिनगर, देवप्रयाग में नदी किनारे अलर्ट जारी किया है।
देवप्रयाग संगम पर भी लोगों की आवाजाही बंद कर दी गई है। वहीं, नदी किनारे जितनी भी बस्तियां हैं सभी में लोगों को ऊंचाई वाले इलाकों में जाने के लिए कहा गया है। खनन पट्टों पर कार्य कर रहे लोगों को भी हटाया जा रहा है।
हरिद्वार में भी इसे देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया गया है। मेला अधिकारी दीपक रावत और जिलाधिकारी सी रविशंकर ने अलर्ट जारी किया है।
नदी किनारे सभी क्षेत्रों में बाढ़ चौकियों पर चौकसी बढ़ा दी गई है। साथ ही लोगों को समय रहते सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी गई है।
ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद अलकनंदा उफान पर है। जिला प्रशासन ने नदी किनारे सभी लोगों को अलर्ट कर दिया है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया है मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ भी तैनात कर दी गई है।
डीएम, एसपी मौके पर हैं। जिला आपदा प्रबंधन पूरी तरह से अर्लट है।
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