
केंद्र द्वारा पारित कृषि कानूनों के खिलाफ केरल में भी सियासत शुरू हो गई है। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा।
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में बुधवार को विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाने का फैसला लिया गया है।
कृषि कानूनों का माकपा के नेतृत्व वाला वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) और कांग्रेस के नेतृत्व वाला संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा विरोध कर रहा है।
कैबिनेट के फैसले की पुष्टि करते हुए केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने कहा, ‘केरल कैबिनेट ने विवादास्पद कृषि कानूनों पर चर्चा करने और इसे खारिज करने के लिए निर्धारित बजट सत्र से पहले 23 दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया गया है। केरल सरकार संघर्ष कर रहे किसानों के साथ एकजुटता से खड़ी है।
बता दें कि कैबिनेट द्वारा विशेष विधानसभा बुलाने की सिफारिश राज्यपाल को की जाएगी।
लघु अवधि विधानसभा सत्र केवल कृषि कानूनों पर चर्चा करने के लिए सीमित होगा और केरल विधानसभा का पूर्ण बजट सत्र 8 जनवरी से होगा।
गौरतलब है कि किसान कृषि कानूनों को वापस लेने पर अड़े हुए हैं। इसको लेकर आंदोलन कर रहे किसानों ने आज से भूख- हड़ताल का ऐलान किया है।
इस बीच किसानों से फिर बातचीत के लिए कृषि मंत्रालय ने किसान संगठनों को चिट्ठी लिखी है, जिसमें सरकार की ओर से बातचीत का न्योता दिया गया है। अबतक सरकार और किसान संगठनों के बीच 6 दौर की बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल सका है।
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