
नई दिल्ली: ऑल इण्डिया मजलिस ऐ इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष बैरिस्टर असदउद्दीन ओवैसी ने एक सभा को संबोधित करते हुए दिल्ली के हिंसा पीड़ितों की मदद के लिये दरियादिली दिखाते हुए ऐलान किया है कि उनकी पार्टी के तमाम साँसद विधायक और पार्षद एक महीने की सैलरी दिल्ली में मरने वालों और उजड़ने वालो को डोनेट करेंगे।
असदउद्दीन ओवैसी ने दिल्ली में हुए दंगों को ‘‘ लक्षित संगठित हिंसा’’ करार देते हुए रविवार को कहा कि जिम्मेदारी बीजेपी सरकार पर है. इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित इलाकों का दौरा करने की अपील की. एआईएमआईएम की 62वीं स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए हैदराबाद के संसद ओवैसी ने दोहराया कि बीजेपी नेताओं के भाषण की वजह से हिंसा हुई।
All AIMIM MPs & elected representatives will donate their one months' salary to the relief efforts in New Delhi pic.twitter.com/tZeSNLZgGk
— AIMIM (@aimim_national) March 1, 2020
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ पूरी योजना और तैयारी के साथ सांप्रदायिक हिंसा हुई. नफरत का माहौल पैदा किया गया. इसे सांप्रदायिक हिंसा नहीं कहा जाना चाहिए बल्कि यह तबाही है.’’
ओवैसी ने कहा, ‘‘ हमें उम्मीद है कि आपने (प्रधानमंत्री) 2002 (गुजरात दंगों) से सबक लिया होगा और सुनिश्चित करेंगे कि इस तरह की घटनाएं दोबारा नहीं हो.’’
दिल्ली के एक मेट्रो स्टेशन के पास कुछ युवकों द्वारा की गई नारेबाजी का संदर्भ देते हुए एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, ‘‘ये कौन लोग हैं जो ‘ गोली मारो देश के गद्दारों को’ बोल रहे हैं. प्रधानमंत्री जी यह दंगा योजना के साथ हुआ. यह लक्षित संगठित हिंसा है और इसकी जिम्मेदारी आपपर है.’’
उन्होंने कहा कि दिल्ली दंगों की जिम्मेदारी केंद्र में बीजेपी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की दहलीज पर है।
प्रधानमंत्री मोदी से राष्ट्रीय राजधानी के दंगा प्रभावित इलाकों का दौरा करने की अपील करते हुए ओवैसी ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि क्या प्रधानमंत्री हमारे दर्द को मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘‘मन की बात’’ में बताएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में शनिवार को दिए भाषण में दिल्ली हिंसा का उल्लेख नहीं किया जबकि वह ‘‘ सबका साथ, सबका विकास’’ का विचार रखते हैं।
ओवैसी ने घोषणा की कि एआईएमआईएम के निर्वाचित प्रतिनिधि दिल्ली हिंसा में मारे गए लोगों की मदद करने के लिए एक महीने का अपना वेतन दान देंगे. उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से अनुरोध करेगी कि वह राज्य में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर(एनपीआर) की प्रक्रिया लागू नहीं करें।
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